Paralysis In Hindi

जब हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर देता है तो वह पैरालिसिस अथवा लकवा कहलाता है | इससे प्रभावित शारीरिक अंग बोलने और चलने की क्षमता को कम कर देते हैं | जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इस रोग की आशंका बढ़ जाती है किसी अंग का लकवा ग्रस्त होने से पहले उस में सनसनाहट जैसे संकेत देखने को मिलते हैं | लकवा शरीर के एक हिस्से को या फिर दोनों हिस्सों को प्रभावित करता है कई बार तो यह पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेता है | पैरालिसिस जरूरी नहीं कि आलसी लोगों को ही होता है यह ज्यादा मेहनत करने वाले लोगों या फिर अधिक मानसिक परिश्रम करने वाले लोगों को भी हो सकता है | शरीर के अंगों के टेढ़े हो जाने की वजह से इंसान असहाय हो जाता है और हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है |
लकवा किसी भी उम्र के व्यक्ति या महिला को हो सकता है आजकल तो यह रोग बच्चों में भी देखने को मिलता है | बच्चों में इसका आक्रमण अचानक होता है यह ज्यादातर 7- 8 महीने की आयु से लेकर 4 – 5 वर्ष की आयु के बीच में बच्चों को होता है | बच्चों में होने वाला यह एक संक्रामक रोग है |
इस बीमारी से उबरने में मरीज को काफी समय लगता है कई बार तो इसका इलाज हो जाता है लेकिन कई बार यह रोग लाइलाज भी बन जाता है | लकवे का अटैक आने पर मरीज को तुरंत इलाज के लिए किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए | अटैक आने के कारण शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं अगर यह थकके तुरंत इलाज देने पर ठीक हो जाए तो मरीज जल्द ही ठीक हो जाता है इस घातक रोग से बचने के लिए अगर कुछ घरेलू उपचार का सहारा लिया जाए तो यह लोग बहुत जल्द ठीक हो सकता है |
पैरालिसिस{ लकवा } को ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय
प्रतिदिन भाप ले

लकवा रोग से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन भाप लेनी चाहिए | नहाने के बाद खूब गर्म पानी में साफ तौलिए या चादर को डुबो कर छोड़ दें फिर उसको निचोड़ कर रोग ग्रस्त जगह पर रखें, ऐसा हर रोज करना चाहिए | इससे रोगी के रोग ग्रस्त जगह से पसीना निकलेगा उसके बाद थोड़ी सी धूप भी सेकनी चाहिए | पैरालाइसिस रोगी को अपने रीड की हड्डी को तंदुरुस्त बनाए रखनी चाहिए, रीड की हड्डी की रोजाना सिकाई करनी चाहिए क्योंकि हमारी दिमाग की इंद्रियां यहीं से होकर गुजरती है |
गीली मिट्टी का लेप

गीली मिट्टी का लेप लकवा ग्रस्त रोगी के लिए रामबाण इलाज है गीली मिट्टी कैंसर जैसी बीमारियों को दूर करने की क्षमता रखती है | गीली मिट्टी रोगी के पेट पर 10 मिनट तक हर रोज लगाएं अगर हर रोज संभव ना हो तो हफ्ते में तीन बार जरूर लगाएं | लकवा ग्रस्त व्यक्ति बहुत ही जल्दी ठीक होने लगता है |
शहद और लहसुन

शहद और लहसुन का लकवा ग्रस्त व्यक्ति को सेवन करवाया जाए तो लकवा बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है | दो चम्मच शहद में 5 से 6 कलियां लहसुन की बारीक पीस लें और कुछ कलियां दूध में डालकर दूध को भी उबाल लें और इसका सेवन मरीज को करवाएं कुछ ही दिनों में लकवा ग्रस्त अंग में जान आ जाएगी |
तांबे के बर्तन का पानी

रात को एक तांबे के जग में पानी भरकर रख दें और साथ में एक चांदी का सिक्का भी पानी में डाल दें, सुबह खाली पेट मरीज को यह पानी पिलाए और 2 घंटे बाद तक कुछ भी ना खिलाए पिलाएं | इस पानी से मरीज की पाचन क्रिया ठीक होकर बहुत ही जल्द तबीयत में सुधार आएगा |
दूध और छुहारा

एक गिलास दूध में 2 छुहारे को अच्छी तरह से उबाल ले, दूध को जब तक उबालें जब तक दूध आधा न रह जाए फिर दूध को उतारकर दूध में हल्की चीनी मिलाएं | छुहारों को खाकर ऊपर से दूध पी ले, लकवा ग्रस्त व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक कमजोरी दूर होकर मरीज बहुत ही जल्द ठीक होगा |
प्राणायाम करें

पैरालिसिस के रोगियों के लिए प्राणायाम सबसे अच्छा योग है लकवा पीड़ित व्यक्ति को सहारा देकर हल्का-फुल्का व्यायाम करवाएं | नियमित एक्सरसाइज करवाने के लिए किसी अच्छे फिजियोथैरेपिस्ट की मदद जरूर ले |
नियमित तेल की मालिश करें

सरसों के तेल में 5- 6 कलियां लहसुन की उबाल लें, तेल को जब तक उबालें जब तक लहसुन हल्का ब्राउन न हो जाए ,तेल को ठंडा करके हल्के हल्के हाथों से मरीज के शरीर पर मालिश करें | मरीज के जोड़ों और घुटनों में दर्द कम होकर जकड़न दूर होगी, नियमित मालिश करने से मरीज के निर्जीव अंगों में धीरे-धीरे जान आ जाएगी |
लकवा ग्रस्त व्यक्ति के लिए करेला
करेला हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है करेले खाने में कड़वा जरूर होता है लेकिन इसके गुणों को देखते हुए इसके कड़वापन को भूल जाना चाहिए | लकवा ग्रस्त व्यक्ति को हर रोज करेले की सब्जी बनाकर खिलानी चाहिए अगर मरीज को सब्जी खाने में दिक्कत लगे तो करेले का जूस प्रतिदिन चम्मच के साथ जरूर पिलाएं, लकवा प्रभावित अंगों में धीरे-धीरे सुधार आना शुरू हो जाएगा |
उड़द दाल और सोंठ का पानी
उड़द दाल और सोंठ लगभग हर रसोई घर में मिल जाती है यह एक आसान और घरेलू औषधि है | उड़द की दाल को लगभग 10 मिनट तक उबालें कुकर में सीटी ना दिलवाए, पानी को उतारकर छान लें फिर मरीज को धीरे धीरे दिन में दो-तीन बार पिलाएं, मरीज की स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगेगी |
काली मिर्च और देसी घी

लगभग 1 चम्मच काली मिर्च को पीसकर पाउडर बना लें और उसमें गाय का घी मिला लें, अब इस लेप से धीरे-धीरे मालिश करें | इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों को पीसकर उसमें दही मिलाकर भी लगा सकते हैं |
ताजा फलों का रस

सही ढंग से ना खाने पीने की वजह से मरीज में दुर्बलता आ जाती है मरीज को ज्यादा से ज्यादा ताजा फलों का रस मिलाएं | नाशपाती, सेब ,अंगूर का रस बराबर मात्रा में निकालकर मरीज को नियमित पिलाएं, मरीज की स्थिति धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी |
नोट
ऊपर दिए गए नुस्खों को सफल बनाने के लिए रोगी को मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखना चाहिए अगर रोगी मानसिक तौर पर अच्छा होगा तो उसकी विल पावर एक्टिवेट होगी और रोगी जल्द ही ठीक होगा |
अटैक आने पर तुरंत मरीज की नाक में गाय के घी की दो से तीन बूंदें डालें |